अभिभावकीय शैली एवं उनका प्रभाव
एक आठ वर्षीय लड़की रिया अपने कुछ दोस्तों से बाते करते हुये कह रही थी कि मेरी मम्मी तो मुझे दिन भर डाटती ही रहती, मुझे बिलकुल भी प्यार नहीं करती। उनसे अच्छे तो मेरे बगल वाली आंटी जो मुझे मम्मी से ज्यादा प्यार करती हैं।" नौ वर्षीय प्रफुल्ल अपने एक अंकल से बात करते हुए कहा कि "अंकलजी घर जाना है डॉन के आने का समय हो चुका हैं।" जब पूछा गया कि डॉन कौन ? तो मुस्कुराते हुये बताया कि अपने पापा को ही हम लोग डॉन कहते है क्योकि वे जब घर में रहते है तो सारे घर में अनुशासन के नाम पर अजीब स